एयर इंडिया: टाटा समूह की विमानन कंपनी एयर इंडिया अपने पायलटों के लिए एक नई नीति लाई है, इस नीति के तहत एयर इंडिया ने फैसला लिया है कि उनके पायलट 65 साल की उम्र तक विमान उड़ा पाएंगे। टाटा समूह के आंतरिक दस्तावेजों से मिली जानकारी के अनुसार, कंपनी ने अपने बेड़े की विस्तार योजना को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय किया है। नई नीति के अनुसार, एयर इंडिया अपने चयनित पायलटों को सेवानिवृत्ति के बाद पांच साल की अवधि के लिए अनुबंध के आधार पर सेवा विस्तार देगी।
एयर इंडिया के मानव संसाधन विभाग के प्रमुख की ओर से जारी पत्र में कहा गया है, ‘‘एयर इंडिया के पायलट फिलहाल 58 साल की उम्र में सेवानिवृत्त होते हैं, कंपनी ने अपने बेड़े में विमानों की संख्या बढ़ने के बीच सेवानिवृत्ति के बाद भी पायलटों को सेवा देने की नीति बनाई है।” नागर विमानन महानिदेशालय ने पायलटों को 65 वर्ष की आयु तक विमान उड़ाने की मंजूरी दे रखी है।
एयर इंडिया ने अगले दो वर्षों में सेवानिवृत्त होने वाले पायलटों की पात्रता की जांच करने के लिए मानव संसाधन, संचालन और उड़ान सुरक्षा के कार्यात्मक प्रतिनिधियों की एक समिति गठित करने का निर्णय लिया है। कंपनी की ओर से कहा गया है कि “यह समिति पायलटों के अनुशासन, उड़ान सुरक्षा और सतर्कता के संबंध में पिछले रिकॉर्ड की समीक्षा करने के लिए जिम्मेदार होगी। समीक्षा के बाद, समिति मुख्य मानव संसाधन अधिकारी को सेवानिवृत्ति के बाद अनुबंध जारी करने के लिए शॉर्टलिस्ट किए गए नामों की सिफारिश करेगी। चयनित किए जाने वाले पायलटों को सेवानिवृत्ति से एक साल पहले, उन्हें सेवानिवृत्ति के बाद उनके अनुबंध के संबंध में पत्र जारी किया जाएगा।”
एयर इंडिया के दस्तावेजों में कहा गया है, “हमारे बेड़े के लिए भविष्य की विस्तार योजनाओं को ध्यान में रखते हुए, पायलटों के लिए हमारे कार्यबल की आवश्यकता को पूरा करना अनिवार्य है। पायलटों को 65 वर्ष की आयु तक उड़ान भरने की अनुमति देना उद्योग में अधिकांश एयरलाइन कंपनियों द्वारा अपनाई जाने वाली व्यवस्था है। हमारी आवश्यकता को पूरा करने के लिए, यह प्रस्तावित है कि एयर इंडिया में हमारे वर्तमान प्रशिक्षित पायलटों को सेवानिवृत्ति के बाद पांच साल के लिए अनुबंध के आधार पर रखा जा सकता है, जिसे 65 साल तक बढ़ाया जा सकता है।” दरअसल, विमानन कंपनी एयर इंडिया अपने बेड़े में 200 से अधिक नए विमान शामिल करने की योजना बना रही है। इसमें 70 प्रतिशत विमान छोटे किस्म के होंगे।