आगरा: ताजनगरी में कालिंदी उफान पर है। जिला प्रशासन ने 40 तटवर्ती गांव में अलर्ट जारी किया है। निचले इलाकों में बसे लोगों को नदी किनारों पर जाने की मनाही है। बाढ़ नियंत्रण व राजस्व टीमों को तैयार रहने के निर्देश हैं।
निचले इलाकों में पानी भरने से स्थानीय लोगों की धड़कने तेज हो गई हैं। जिला प्रशासन ने इन इलाकों के लोगों से नदी की ओर नहीं जाने की अपील करते हुए एहतियात बरतने को कहा है। रुनकता, अकबरा, सिकंदरा, कैलाश, दयालबाग के मनोहपुर, खासपुर, बसई मुस्तकिल समेत 12 से अधिक गांव में खेत पानी में डूब गए हैं। 40 गांव नदी तलहटी में बसे हैं। रुनकता से फतेहाबाद तक यमुना डूब क्षेत्र में 40 से अधिक गांव शामिल हैं जिनमें सबसे पहले बाढ़ का पानी घुसता है।
आगरा बाढ़ नियंत्रण कक्ष प्रभारी उदल सिंह ने बताया कि हमने वस्तुस्थिति से प्रशासन को अवगत करा दिया है। अभी बाढ़ का खतरा नहीं हैै, लेकिन निचले इलाकों में ग्रामीणों से सतर्कता बरतने को कहा है। उन्होंने कहा, यमुना अन्य नदियों की तरह गहरी नहीं है। यमुना का तट फैला होने के कारण पानी खेतों में घुस जाता है।
यमुना की फ्लड रिपोर्ट
– 495 फीट लो फ्लड लेवल
– 500 फीट मीडियम फ्लड लेवल
– 505 फीट हाई फ्लड अलर्ट
आगरा में अब तक कुल वर्षा : 194 मिलीमीटर
ताजेवाला बैराज से डिस्चार्ज : 17827 क्यूसेक
ओखला बैराज से डिस्चार्ज : 41674 क्यूसेक
गोकुल बैराज से डिस्चार्ज : 42295 क्यूसेक
यमुना और चंबल नदी किनारे बसे सभी गांव में अलर्ट जारी किया है। आपदा नियंत्रण व राजस्व टीमें किसी भी स्थिति से निपटने को तैयार हैं। दिल्ली से यमुना में छोड़े जा रहे पानी की 24 घंटे निगरानी हो रही है। जलस्तर पर नजर रख रहे हैं। क्षेत्रीय लोगों से अपील है कि सावधानी बरतें। – प्रभु एन सिंह, जिलाधिकारी
31 जुलाई को हथिनीकुंड से यमुना में 1.60 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। शनिवार सुबह छोड़ा गया पानी आगरा पहुंच गया। जिससे यमुना में जलस्तर बढ़ने लगा है। पिछले 24 घंटे में चार फीट से अधिक पानी बढ़ा है। सिंचाई विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अगर अगले 24 से 48 घंटों में भारी बारिश नहीं होती है तो यमुना में बाढ़ का खतरा टल जाएगा।
