गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में खास अभियान के तहत घर-घर कुष्ठ रोगी खोजे जाएंगे। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की 2800 टीमें बनाई गई हैं। सुपरवाइजर की 280 टीमें अभियान की निगरानी करेंगी।निजी क्षेत्र में इलाज कराने पर कुष्ठ रोगी को 2500-3000 रुपये तक खर्च करने पड़ते हैं, जबकि सरकारी क्षेत्र में यह सुविधा निशुल्क है।
प्रत्येक टीम को छह महीने के भीतर 1000 की आबादी के बीच पहुंच कर कुष्ठ रोग के लक्षणों के आधार पर स्क्रीनिंग करनी है। टीम को जो भी कुष्ठ के संभावित रोगी मिलेंगे, उन्हें वह नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर रेफर करेगी। निशुल्क उपचार व अन्य आवश्यक सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
डॉ. यादव ने बताया कि पीवी श्रेणी का कुष्ठ रोगी खोजने वाले को 200 रुपये और छह महीने का इलाज पूरा करवाने पर 400 रुपये, जबकि एमवी श्रेणी का कुष्ठ रोगी खोजने पर 200 रुपये और एक साल का इलाज पूरा करवाने पर 600 रुपये मिलेंगे। इस अभियान में विश्व स्वास्थ्य संगठन के नेगलेक्टेड ट्रॉपिकल डिजीज प्रोग्राम के जोनल कोआर्डिनेटर डॉ. सागर घोड़ेकर तकनीकी सहयोग करेंगे। जिले में इस समय कुष्ठ के 172 सक्रिय रोगी हैं।
जिला कुष्ठ रोग नियंत्रण अधिकारी डॉ. गणेश प्रसाद यादव ने बताया कि सीएमओ डॉ. सुधाकर पांडेय और चरगांवा की ब्लॉक प्रमुख वंदना सिंह की मौजूदगी में मुख्यमंत्री के गोद लिए गए वनटांगिया गांव में अंत्योदय कार्ड धारकों के आयुष्मान वितरण कार्यक्रम के साथ ही कुष्ठ रोगी खोजो अभियान की शुरुआत की गई है। अभियान छह महीने तक चलेगा।
