विवाद: काफी लंबे समय से बाबा रामदेव और डॉक्टरों के बीच एलोपैथी को लेकर विवाद चला आ रहा हैं l बाबा रामदेव के खिलाफ बयान को लेकर देशभर के विभिन्न राज्यों में डॉक्टरों ने शिकायतें दर्ज करवाई थी। हालांकि तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन के हस्तक्षेप के बाद बाबा रामदेव ने अपना बयान वापस ले लिया था।
उधर इंडियन मेडीकल एसोसिएशन ने बाबा रामदेव को कानूनी नोटिस भेज माफी न मांगने पर एक हजार करोड़ रुपये की मानहानि का मुकदमा करने की धमकी दी थी।
अदालत के समक्ष तीन रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशनों ने यह याचिका दाखिल की है। उन्होंने आरोप लगाया कि रामदेव ने बड़े पैमाने पर लोगों को गुमराह किया और गलत तरीके से यह कहा कि एलोपैथी चिकित्सा पद्धति कोविड -19 संक्रमित कई लोगों की मौत के लिए जिम्मेदार है। साथ ही आरोप है कि उन्होंने कहा था एलोपैथिक डॉक्टर मरीजों की मौत का कारण बन रहे हैं।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने योग गुरु रामदेव को एलोपैथी के संबंध में दिए गए उनके बयानों के खिलाफ दाखिल याचिका पर नोटिस जारी कर एक सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।न्यायमूर्ति हरि शंकर ने स्पष्ट किया कि रामदेव का जवाब नहीं मिलने तक वह इस मामले में कार्यवाही शुरू करने की अनुमति नहीं देंगे।
अदालत ने रामदेव की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव नायर को जवाब दाखिल करने के लिए समय देते हुए कहा यदि मुकदमा शुरू करने की अनुमति दी जाती है तो (रामदेव) इसके खिलाफ याचिका दाखिल कर कर सकते हैं। अदालत ने कहा इस मुद्दे पर विचार किया जाएगा। अदालत ने मामले की सुनवाई 10 अगस्त तय की है।
