रेलवे ने कसी कमर: अक्टूबर में देशभर में तापीय बिजली घरों में कोयले की कमी हो गई थी। जिसके बाद रेलवे ने युद्धस्तर पर राज्यों में कोयले का सप्लाई की।
देशभर में इन दिनों आयायित उर्वरक की ढुलाई में कमी देखी जा रही हैं। वहीं दूसरी तरफ दुनियाभर में उर्वरक की कीमतों में बढोत्तरी देखी जा रही है। इन दिनों उर्वरक की मांग अचानक से बढ़ने से उम्मीद है कि उर्वरक की ढुलाई भी अब इसी तरह शुरू की जाएगी ताकि मांग और आपूर्ति के अंतर को खत्म किया जा सके। इसी को देखते हुए भारतीय रेलवे ने उर्वरक की सप्लाई के लिए मालगाड़ियों की रेक बढ़ाने का फैसला लिया है।
अब देशभर में उर्वरक की ढुलाई 40 की जगह 60 मालगाड़ियों से होगी। अक्टूबर 2021 में रेलवे ने 39 रेक घरेलू उर्वरक की हर रोज ढुलाई की है। जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 36 रेक था। रेलवे ने सोमवार को 1,838 वैगन उर्वरक की ढुलाई की थी। जबकि पिछले साल 25 अक्टूबर को यह आंकड़ा 1,575 वैगन था।
देश में डीएपी और यूरिया के दाम निश्चित होते है। इसलिए किसान अपनी जरुरत को देखते हुए इसे खरीदते है। उर्वरक का उत्पादन करने वाली कंपनियों के सामने समस्या ये होती है कि वो लाखों टन उर्वरक तैयार कर अपने पास नहीं रख सकतीं। ऐसे में इसे लगातार बाजार तक पहुंचाया जाता है। जब इसकी मांग अचानक बढ़ जाती है तो समस्या शुरू हो जाती है। किसान पहले से खरीदारी इसलिए नहीं करते कि उन्हें पता है कि इसकी कीमत नहीं बढ़ने वाली। जानकारी के अनुसार, पिछले वर्ष कोरोना लॉकडाउन की वजह से देशभर में उर्वरक की मांग कम थी। इस वर्ष कई राज्यों में अच्छी बारिश की वजह से भी ज्यादा पैदावर की संभावना हैं। जिससे उर्वरक की मांग बढ़ा दी है।
