भारतीय शोधकर्ताओं ने वाष्पीकरण के बाद जमाव के पैटर्न का विश्लेषण कर दूध में मिलावट का पता लगाने की एक नई विधि विकसित की है, जो प्रभावी होने के साथ-साथ किफायती भी है। यह अध्ययन बेंगलूरू स्थित भारतीय विज्ञान संस्थान के शोधकर्ताओं द्वारा किया गया है। दूध में आमतौर पर की जाने वाली यूरिया और पानी की मिलावट के परीक्षण में इस विधि को प्रभावी पाया गया है।
शोधकर्ताओं का कहना है कि इस पद्धति का विस्तार मिलावट के अन्य रूपों का पता लगाने के लिए भी किया जा सकता है। दूध में मिलावट भारत जैसे विकासशील देशों में एक गंभीर चिंता का विषय है। विभिन्न अवसरों पर यह देखा गया है कि आपूर्ति होने वाले दूध की अधिकांश मात्रा भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण द्वारा निर्धारित मानकों का पालन करने में विफल रहती है।
