यूपी: आज माफिया मुख्तार को फर्जी शस्त्र लाइसेंस में मामले में होगी सजा, आर्म्स एक्ट के तहत पाया गया दोषी

यूपी: उत्तर प्रदेश में योगी सरकार लगातार संगठित अपराध को अंजाम देने वालों एवं भू-माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई का डंडा चलाकर नकेल कस रही है। इसी क्रम में फर्जी लाइसेंस मामले में अंतरराज्यीय गिरोह (आईएस-191) के सरगना माफिया मुख्तार अंसारी को बड़ा झटका लगा है। इस मामले में आर्म्स एक्ट के तहत माफिया को दोषी पाया गया है।

बता दें कि बांदा जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे मुख्तार अंसारी को गाजीपुर के फर्जी शस्त्र लाइसेंस मामले में अदालत ने दोषी पाया है। बुधवार की दोपहर 12 बजे विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए) अवनीश उपाध्याय की अदालत मुख्तार अंसारी को सजा सुनाएगी।

अदालत में अभियोजन की ओर से एडीजीसी विनय कुमार सिंह और अभियोजन अधिकारी उदय राज शुक्ला ने पक्ष रखा। अभियोजन पक्ष के अनुसार, मुख्तार अंसारी ने 10 जून 1987 को दोनाली बंदूक के लाइसेंस के लिए गाजीपुर के जिलाधिकारी के यहां प्रार्थना पत्र दिया था। आरोप था कि गाजीपुर के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक के फर्जी हस्ताक्षर से संस्तुति प्राप्त कर उसने शस्त्र लाइसेंस प्राप्त किया था।

फर्जीवाड़ा उजागर होने पर सीबीसीआईडी द्वारा चार दिसंबर 1990 को मोहम्मदाबाद थाने में मुख्तार अंसारी, तत्कालीन डिप्टी कलेक्टर समेत पांच नामजद और अन्य अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया। जांच के बाद तत्कालीन आयुध लिपिक गौरीशंकर श्रीवास्तव और मुख्तार अंसारी के विरुद्ध 1997 में अदालत में आरोप पत्र प्रेषित किया गया। सुनवाई के दौरान गौरीशंकर श्रीवास्तव की मृत्यु हो जाने के कारण उसके विरुद्ध 18 अगस्त 2021 को मुकदमा समाप्त कर दिया गया।

यूपी सरकार के निर्देश पर माफिया गैंग के सक्रिय सदस्यों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है। मुख्तार अंसारी के सालों द्वारा रिश्तेदारों के खाते में ट्रांसफर 17 लाख 65 हजार 120 रुपये पुलिस प्रशासन द्वारा जब्त किए गए हैं।

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