गोरखपुर: भवन निर्माण कराने के दौरान मलबा सड़क पर फेंकने वालों के खिलाफ नगर निगम सख्त कार्रवाई करने की तैयारी में है। ऐसे लोगों पर नगर निगम 50 हजार रुपए तक जुर्माना वसूलेगा। इतना ही नहीं सड़क पर खुले में कूड़ा फेंकने या जलाने वालों से भी 5000 रुपए जुर्माना वसूल किया जाएगा। शहरों में पॉल्यूशन कंट्रोल करने को एनजीटी के आदेशों के बाद यह कवायद शुरू हो रही है।

शासन ने एनजीटी एक्ट 2010 के तहत सभी निकायों को स्पेशल अभियान चलाकर सड़क किनारे भवन का मलबा डालने वालों और कूड़ा फैलाने वालों पर जुर्माना वसूलने के आदेश दिए हैं। शहर में गंदगी फैलाने और कूड़ा जलाने वालों के खिलाफ नगर निगम महज चालान काटने की कार्रवाई तक ही सीमित था। इससे नियम तोड़ने वालों पर कार्रवाई का डर नहीं रहता था। पर अब अगर आपने भवन मरम्मत या नए निर्माण के दौरान निकलने वाला मलबा को सड़क पर फेंका तो 5000 रुपये जुर्माना देना पड़ सकता है। नगर आयुक्त ने कहा कि एनजीटी के नियम के उल्लंघन के तहत कार्रवाई की जाएगी।

नगर आयुक्त अविनाश सिंह ने कहा कि शहर के भवन या भूस्वामी अपने भवनों की मरम्मत या नए भवन निर्माण के दौरान निकलने वाले मलबा को सार्वजनिक स्थलों पर न फेंके।ऐसा करते हुए पाए जाने पर राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) और वेस्ट मैनेजमेंट एंड हैंडलिंग रूल का उल्लंघन के नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। नगर निगम ठोस अपशिष्ट प्रबंधन व हथालन के अंतर्गत विधिक कार्रवाई के अनुसार कार्रवाई के साथ पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। नगर आयुक्त ने बताया कि मकान की मरम्मत या नए भवन निर्माण के दौरान निकलने वाले मलबा को हटाने के लिए नगर निगम को 0551-2342621 पर सूचित करें। यूजर चार्ज के रूप में प्रति ट्राली 400 रुपये या प्रति ट्रक 800 रुपये देना होगा।

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