एंटीबायोटिक प्रतिरोधी बैक्टीरिया की संख्या लगातार बढ़ रही है। इस कारण हर साल लाखों लोगों की मौत होती है। लेकिन अब इन मौतों को कम करने की तकनीक इजाद कर ली गई है जिसका नाम है सीआरआईएसपीआर-केस9। वर्ष 1928 में पेनिसिलिन की खोज की गई थी। इससे पहले गले में इन्फेक्शन जैसे सामान्य संक्रमण भी गंभीर बीमारी हुआ करते थे और लोगों की जान जाने की संभावना बनी रहती थी। हालांकि, एंटीबायोटिक की खोज से स्वास्थ्य के क्षेत्र में काफी बदलाव हुआ।
हानिकारक बैक्टीरिया के खिलाफ लड़ाई में एंटीबायोटिक ने हमें बहुत फायदा पहुंचाया। तब से लेकर अब तक, एंटीबायोटिक दवा में बहुत सुधार हुआ है, लेकिन नुकसानदायक बैक्टीरिया अब भी हैं। इनकी संख्या भी बढ़ रही है। आज के समय में दुनिया स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई समस्याओं से जूझ रही है। इनमें एंटीबायोटिक प्रतिरोध में तेजी से वृद्धि एक अहम समस्या है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, एंटीबायोटिक प्रतिरोधी संक्रमण की वजह से हर साल लगभग सात लाख लोगों की मौत होती है।
