India

BREAKING NEWS:समाजवादी नेता कालीशंकर ने फूलनदेवी को भारत रत्न देने की माँग किया

गोरखपुर
संवाददाता विनय दुबे

गोरखपुर: आज समाजवादी पार्टी के नेता कालीशंकर ने फूलन देवी के शहादत दिवस पर उन्हें श्रदांजलि देते हुए माँग किया है कि फूलन देवी को भारत रत्न दिया जाये। फूलन देवी के साहस का सम्मान करके अगर सरकार उन्हें भारत रत्न दे देती है तो यह देश में बलात्कार की सनातन संस्कृति पर लगाम लगाने की दिशा में एक बडा क़दम होगा। इस देश में बलात्कारी अगर किसी एक नाम से डरेगा, तो वह नाम फूलन देवी का ही हो सकता है। फूलन देवी जैसी कोई नहीं।

कालीशंकर ने कहा कि अमेरिका से लेकर ब्रिटेन में फूलन देवी का सम्मान होता रहा है। टाइम मैगजीन से लेकर गार्डियन तक में उनके नाम का डंका बज चुका है। एक ग़रीब मल्लाह की बेटी की विश्वस्तरीय मान्यता को स्वीकार कर क्या भाजपा की सरकार फूलन देवी को भारत रत्न देने की माँग स्वीकार करेगी।

कालीशंकर ने कहा कि जब भाजपा की सरकार चौरी-चौरा में उनकी मूर्ति नहीं लगाने देती है और उनकी शहादत दिवस मानाने नहीं देती है तो यह स्पष्ट है कि इस सामंतवादी सत्ता को एक ग़रीब मल्लाह की विद्रोही बेटी कैसे स्वीकार होगी। अब सरकार को इससे क्या फर्क पड़ता है कि सारी दुनिया विश्व इतिहास की श्रेष्ठ विद्रोहिणी के तौर पर फूलन को सलाम करती है पर दुनिया की सबसे लोकप्रिय ‘टाइम’ मैगजीन की नज़र में फूलन देवी श्रेष्ठ है।
कालीशंकर ने बताया कि वही फूलन देवी जो भारतीय गणराज्य के तत्कालीन राष्ट्रपति के.आर.नारायण की नज़र में ‘अन्याय के प्रतिकार का प्रतीक’ है और हिंदुस्तान के दो नेताओ ने फूलन देवी को सम्मान देने का काम किया है जिसमे मान्यवर कांशीराम जी और नेताजी मुलायम सिंह यादव जी प्रमुख है।

मान्यवर कांशीराम साहब ने 1981 में 34 वें स्वतंत्रता दिवस को फूलन देवी वर्ष मनाया था। मान्यवर कांशीराम ने फूलन देवी के नाम पर एक पूरे साल का नाम रखा था। वहीं नेताजी मुलायम सिंह यादव जी ने फूलनदेवी को संसद भेजा और परिवार की सदस्य की तरह उनकी अर्थी को कंधा भी दिया। हम सरकार से पुरजोर मांग करते है कि अन्याय और महिला शोषण के खिलाफ लड़ने वाली एक ग़रीब मल्लाह की बेटी की विश्वस्तरीय मान्यता को स्वीकार कर भारत रत्न दिया जाये।

श्रदांजलि अर्पित करने वालो में मुख्य रूप से रामौतार साहनी, रविंद्र निषाद, भगवान निषाद, जय प्रकाश यादव, एडवोकेट रंजीत बाघे, पिंटू पासवान, देवनाथ निषाद, बीरबल केवट, रामभवन, जुगुल निषाद, आकाश यादव, प्रिंस कुमार, कविता निषाद, लालमोहन साहनी, शिव शंकर, रामधनी, विजेन्द्र मौर्य, विजय निषाद, कुबेर निषाद, प्रेम प्रकाश, रामनिवास आदि थे।

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Most Popular

To Top