यूपी: कोरोना की दूसरी लहर में हुई मौतों का अध्ययन करने के बाद तीसरी लहर के लिए गाइडलाइन तैयार की जाएगी। दूसरे लहर में बहुत से रोगी ऐसे भी हैं जो बहुत देर से अस्पताल पहुंच पाए। शुरुआत में नर्सिंगहोम बिल बढ़ाने के चक्कर में उन्हें रोके रहे। इसके अलावा इलाज में भी कमी रही है।
पांच जिलों के कोविड अस्पताल कोरोना से हुई 300 मौतों का ब्यौरा दबाए बैठे हैं। इससे इन मौतों का ऑडिट नहीं हो पा रहा है। अगर इन मौतों का ब्यौरा मिल जाता तो यह पता चल पाता कि इलाज में किस प्रकार की गलती हुई है। रिकार्ड न देने से शक गहरा होता जा रहा है कि अस्पतालों में रोगियों के इलाज में चूक हुई है। डेथ ऑडिट टीम ने अस्पतालों को एक बार फिर नोटिस जारी करके ब्यौरा उपलब्ध कराने को कहा है।
सबसे अधिक कोरोना रोगियों की मौत हैलट में हुई हैं। यहां की तो मौतों का ब्यौरा मिल गया है लेकिन दूसरे अस्पताल वालों ने अभी नहीं दिया है। इसके अलावा कानपुर देहात, उन्नाव, फर्रुखाबाद और कन्नौज से रोगियों का ब्यौरा नहीं मिला है। इनमें सबसे अधिक केस फर्रुखाबाद के हैं।
डेथ ऑडिट कमेटी के प्रभारी डॉ. एसके गौतम का कहना है कि हैलट का ब्यौरा तो मिल गया है। अभी अन्य कुछ जगहों का बाकी है।
सीएमओ डॉ. नेपाल सिंह का कहना है कि सभी अस्पतालों को ब्यौरा उपलब्ध कराने के संबंध में निर्देश जारी किए जा चुके हैं।
