ब्रह्मोस की बिक्री शुरू: चीन के आक्रामक रवैये को झेल रहे फिलीपींस ने भारत के साथ दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक एंटी शिप क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस की खरीदी का करार कर चीन को झटका दिया है। लंबे समय तक हथियार आयातक देश रहा भारत अब शस्त्रों का बड़ा निर्यातक बनने जा रहा है। इस दिशा में बड़ा करार फिलीपींस से किया गया है।
फिलीपींस की नौसेना के लिए भारत ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल बेचेगा। ब्रह्मोस मिसाइल निर्यात के लिए यह पहला विदेशी ऑर्डर है। ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल ध्वनि की रफ्तार से तीन गुना तेज गति यानी 4321 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से मार करने में सक्षम है। फिलीपींस ने ब्रह्मोस मिसाइलों की खरीदी को लेकर भारत से 37.50 करोड़ डॉलर (2,812 करोड़ रुपये) का करार किया है।
शुक्रवार को सरकारी अधिकारियों ने यह जानकारी दी। दोनों देशों के अधिकारियों ने इस करार पर दस्तखत किए। इस महत्वपूर्ण करार पर हस्ताक्षर के वक्त ब्रह्मोस एयरोस्पेस इंडिया के सीईओ अतुल डी राणे, डिप्टी सीईओ संजीव जोशी, ले. कर्नल आर. नेगी और प्रवीण पाठक मौजूद थे।
डीआरडीओ (रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन) और ब्रह्मोस एयरोस्पेस इस मिसाइल का मित्र देशों को निर्यात करने के लिए पूरा जोर लगा रहे हैं। डीआरडीओ ने हाल ही में अमेरिका के साथ मेड इन इंडिया रडार का सौदा भी किया था फिलीपींस को आंखें दिखा रहे चीन को इस सौदे से बड़ा झटका लगा है। दरअसल, दक्षिण चीन सागर में चीन के साथ फिलीपींस के अधिकार क्षेत्र को लेकर विवाद चल रहा है। ऐसे में ब्रह्मोस मिसाइल को फिलीपींस अपने तटीय इलाकों में तैनात कर सकता है।
