यूपी: कई सियासी दलों के नेताओं ने मुख्तार की मौत पर जताया दुख, उच्चस्तरीय जांच की मांग की

मुख्तार अंसारी: बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी की गुरुवार देर रात हार्ट अटैक (कार्डियक अरेस्ट) से मौत हो गई। 5 बार के विधायक मुख्तार अंसारी के निधन पर कई सियासी दलों के नेताओं ने शोक प्रकट किया है, साथ ही मौत पर भी सवाल उठाया है।

आरजेडी नेता और बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव, बसपा सुप्रीमो मायावती, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव समेत AIMIM प्रमुख असदुद्दीन औवेसी ने माफिया मुख्तार अंसारी की मौत पर दुख जाहिर किया है।

बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि मुख़्तार अंसारी की जेल में हुई मौत को लेकर उनके परिवार द्वारा जो लगातार आशंकायें व गंभीर आरोप लगाए गए हैं उनकी उच्च-स्तरीय जाँच जरूरी, ताकि उनकी मौत के सही तथ्य सामने आ सकें। ऐसे में उनके परिवार का दुःखी होना स्वाभाविक। कुदरत उन्हें इस दुःख को सहन करने की शक्ति दे।

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी माफिया मुख्तार अंसारी की जेल में मौत को लेकर प्रदेश सरकार पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है। इसके पहले पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने भी मामले में न्यायिक जांच की मांग की थी।

बता दें कि मुख्तार अंसारी ने खुद भी जेल में धीमा जहर देने की बात कही थी और अदालत को पत्र देकर इलाज कराने की गुहार लगाई थी। अब माफिया मुख्तार अंसारी के परिवार ने आरोप लगाया है कि बांदा जेल में दोपहर के खाने में जहर दिया गया। शासन प्रशासन उसकी हत्या कराना चाहता था। जिसके बाद अब मुख्तार अंसारी की मौत की न्यायिक जांच के आदेश दिए गए हैं।

जानकारी के अनुसार मुख्तार अंसारी की तबियत बिगड़ने के बाद करीब साढ़े आठ बजे मेडिकल कॉलेज लाया गया। नौ डॉक्टरों की टीम उसके इलाज के लिए जुटी लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। माफिया मुख्तार अंसारी की मौत साढ़े दस बजे बांदा मेडिकल कॉलेज में हुई।

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