सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि 18-44 वर्ष की आयु के बीच इस देश की एक महत्वपूर्ण आबादी का टीकाकरण करने के लिए विशेष रूप से एक डिजिटल पोर्टल (कोविन पोर्टल) पर निर्भर टीकाकरण नीति अपने उद्देश्यों को पूरा करने में समर्थ नहीं हो पाएगी।सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘भारत में एक डिजिटल विभाजन मौजूद है, खासकर ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच।’ अदालत ने कहा, ‘डिजिटल साक्षरता और डिजिटल पहुंच’ का विस्तार देश में अधिकांश आबादी तक नहीं है।
अदालत ने कहा कि बैंडविड्थ और कनेक्टिविटी भी डिजिटल पैठ के लिए और चुनौतियां पेश करते हैं। शीर्ष अदालत ने कहा कि ‘डिजिटल डिवाइड’ से इस आयु समूह(18-44) के लोगों के समानता और स्वास्थ्य के मौलिक अधिकार पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।