कोरोना काल के चलते छात्रों को यह राहत दी गई है। निदेशक प्राविधिक शिक्षा मनोज कुमार ने बताया कि राजकीय पॉलिटेक्निक में छात्रों की फीस प्राविधिक शिक्षा विभाग तय करता है। हर साल फीस में बदलाव होता है पर कोरोना के चलते बीते साल भी फीस नहीं बढ़ाई गई थी।
इस साल भी छात्रों को वही फीस भरनी होगी जो उन्होंने पिछले साल (11326 रुपये) जमा की थी। निजी संस्थानों में फीस बढ़ाने या पुन: निर्धारण करने का फैसला फीस नियमन समिति करती है। निजी संस्थानों के छात्रों को 30 हजार रुपये वार्षिक शुल्क जमा करना पड़ता है।
प्रदेश के राजकीय, अनुदानित और निजी पॉलिटेक्निक संस्थानों में इस सत्र में किसी भी पाठ्यक्रम की फीस नहीं बढ़ाई जाएगी। प्राविधिक शिक्षा विभाग और उत्तर प्रदेश फीस नियमन समिति के इस फैसले से पॉलिटेक्निक में पढ़ रहे छह लाख छात्रों को राहत मिलेगी।