BREAKING NEWS: रायबरेली का पुलिस और आबकारी विभाग चाहे कितनी भी मेहनत कर ले, क्षेत्र में बन रही कच्ची शराब

सन्दीप मिश्रा
रायबरेली

रायबरेली: रायबरेली-कच्ची शराब को लेकर प्रदेश सरकार भले ही गंभीर हो लेकिन स्थानीय स्तर पर पुलिस प्रशासन अवैध शराब के कारोबार पर अंकुश लगाने में पूरी तरह से नाकाम साबित हो रहा है। इसका जीता जागता उदाहरण खुर्द पुलिस कार्यालय में हरचंदपुर थाना क्षेत्र में बन रही अवैध शराब को लेकर महिलाओं ने विरोध जताया था यही नहीं रायबरेली शहर के सर्वोदय नगर और पासिंन का पुरवा में तो एक सदी से भी ऊपर के समय से इस का कारोबार चल रहा है।लेकिन पुलिस की निगाह नहीं पहुंचती है।

बताते हैं कि घसियारी मंडी और पासिंन के पुरवा में तो सुबह से देर शाम तक अवैध कच्ची शराब का कारोबार चलता रहता है। लेकिन इस पर अंकुश लगाने में आबकारी विभाग और मिल एरिया थाने की पुलिस पूरी तरह से नाकाम ही दिखती है। डलमऊ कोतवाली क्षेत्र के हलका नंबर एक में तकरीबन आधा दर्जन गांव में बीते कई वर्षों से धड़ल्ले से  कच्ची शराब का कारोबार कर रहे हैं ऐसा नहीं है कि इस कारोबार की जानकारी पुलिस को नहीं लेकिन कुटीर उद्योग का रूप ले रहा यहां कच्ची शराब का व्यवसाय पुलिस के लिए भी कमाई का साधन हैl

उच्चाधिकारियों का जब भी दबाव होता है स्थानीय पुलिस 1 या 2 शराब बनाने वाले लोगों को पकड़कर कार्यवाही कर वाहवाही लूट लेते हैं लेकिन धरातल पर शराब की भठ्ठियों की आंच कभी ठंडी नहीं होती सूत्रों की माने तो कच्ची शराब का व्यवसाय करने वालों की पकड़ इतनी मजबूत है कि क्षेत्र में तैनात दारोगा गांव तक नहीं जाती क्षेत्र के सोभवापुर सूरजुपुर पूरे पासिंन लूकचांदपुर कल्याणपुर बेती नई बस्ती गांव में शराब की भठ्ठी दिन हो या रात बराबर धधककती रहती हैं लेकिन इन भट्टियों की आंच पुलिस की मदद से उसी गांव तक ही सीमित है जबकि पूर्व में कच्ची शराब पीने से लोगों की मौतें भी हो चुकी है।

कच्ची शराब के कारोबार को लेकर उपजिलाधिकारी डलमऊ रामकुमार शुक्ला ने बताया कि मैं ऑफिस में हूं आ जाइये उन गाँवो के नाम नोट करा दीजिये या फिर वॉट्सप कर दीजिए। मजेदार बात यह है कि कुछ ऐसी ही बातें आबकारी विभाग द्वारा की जाती है जहां एक तरफ खुद प्रदेश सरकार ने अवैध कच्ची शराब के कारोबार पर पूर्ण रूप से अंकुश लगाने का आदेश दे रखा है वही आबकारी विभाग में शिकायत दर्ज कराने के बाद भी विभाग के कर्मी इस कारोबार को रोक पाने में अपने आप को असमर्थ सा बताते हैं। इस बारे में अगर कारोबारियों से बात की जाए तो उनका साफ कहना होता है कि दोनों ही विभागों में उनका हिस्सा पहुंच जाता है इसलिए कार्यवाही से पहले सूचना भी पहुंच जाती है अब क्या रायबरेली का पुलिस  और आबकारी विभाग जिले में किसी बड़ी घटना का इंतजार कर रहा है। शायद तभी विभाग की नींद खुलेगी।

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