– समुचित देखभाल के आभाव मे बीमार पड़ रहे पशु
– चारा के नाम पर की जा रही खानापूर्ति, जिम्मेदार बेफिक्र
सिंदुरिया
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा बेसहारा पशुओं को बेहतर सेवा व सुरक्षा देने हेतु चलाई जा रही विभिन्न प्रकार की योजनाओं का मिठौरा विकासखंड के महत्वपूर्ण गोसदन मदनपुरा पर कोई असर नहीं दिखाई पड़ रहा।

बेसहारा गोवंशीय पशु इन दिनों इस सरकारी शरणस्थली में गंदगी व अव्यवस्था के बीच जीने को मजबूर हैं। हालांकि पशुओं की देखरेख व उनके मूलभूत सुविधाओं सहित दो महिला कर्मचारी भी तैनात की गई हैं।

मिठौरा ब्लाक मुख्यालय से लगभग पांच किलोमीटर उत्तर दिशा मे महराजगंज-निचलौल मुख्य मार्ग पर स्थित मदनपुरा गोसदन को पशुपालन विभाग द्वारा पशुओं हेतु तैयार कराया गया है। यहां एक पशु को चार किलो भूसा व एक किलो दाना देने का नियम है, लेकिन पशुओं के नांद मे एक दाना भी देखने को नहीं मिल रहा।

वर्तमान समय में इस गोसदन में कुल 42 गोवंश पशु (गाय, बछड़े, बैल व सांड) हैं। इनकी देखरेख हेतु संबंधित अधिकारियों द्वारा मनरेगा के तहत दो महिलाओं को गोसदन की देखरेख के लिए रखा गया है। पशुओं को रहने के लिए बने पशु सेड में पूरी तरह गंदगी फैली हुई थी। पशुओं के लिए बनाए गए फर्श पर मल-मूत्र गोबर की मोटी परत जमी हुई थी। इस गंदगी के बीच एक गाय का बछड़ा मृत अवस्था में पड़ा हुआ था। गोसदन पर तैनात महिला कर्मचारी मृत बछड़े को उठाने का प्रयास कर रही थी।

महिला कर्मचारी से मृत बछड़े के बारे में पूछने पर बताई कि सुबह पशु चिकित्सक आये थे इसका इलाज किये उस दौरान यह ठीक था। अभी कुछ समय पूर्व ही यह जमीन पर मृत अवस्था में गिरा पड़ा है। उपजिलाधिकारी निचलौल शैलेन्द्र कुमार गौतम ने बताया कि गोसदन की जांच कर कार्रवाई की जाएगी।

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