सूचना प्रौद्योगिकी : अल्प समय में ही मोबाइल निर्माण क्षेत्र में पहचान बनाने वाले उत्तर प्रदेश में इससे जुड़े करीब 25 हजार प्रत्यक्ष रोजगार सृजित हुए हैं। कोरोनाकाल में नोएडा इलेक्ट्रॉनिक निर्माण की धुरी के रूप में उभरा है। मोबाइल निर्माता कंपनियों एपल व सैमसंग ने इस दौरान प्रदेश में 40 हजार करोड़ रुपये के मोबाइल फोनों का उत्पादन किया।
इनमें से 15 हजार करोड़ रुपये के मोबाइल फोन निर्यात हुए। सरकार अब 2025 तक इस क्षेत्र में 22 लाख करोड़ रुपये के निर्माण का बड़ा लक्ष्य तय करके आगे बढ़ रही है। सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने दावा किया कि यह विरोधियों को जवाब है, जो कहते हैं कि यूपी में कुछ नहीं हुआ। आईटी क्षेत्र में उत्तर प्रदेश बेहद सीमित समय में तमिलनाडु, कर्नाटक व आंध्रप्रदेश जैसे राज्यों को कड़ी टक्कर दे रहा है।
प्रधानमंत्री ने 2025 तक क्षेत्र में 22 लाख करोड़ रुपये का लक्ष्य निर्धारित किया है। हम लक्ष्य को हासिल करने के प्रति आशान्वित हैं। मुख्य तथ्य यह है, लक्ष्य पा लेने के बाद देश के नक्शे में आईटी क्षेत्र में उत्तर प्रदेश की नई पहचान बनेगी। 22 लाख करोड़ रुपये के मोबाइल फोनों के निर्माण का लक्ष्य हासिल करने पर आनुपातिक दृष्टि से 14 से 15 लाख करोड़ रुपये का निर्यात होगा। इसमें उत्तर प्रदेश की हिस्सेदारी सबसे ज्यादा होगी। इससे राज्य में रोजगार के नए-नए अवसर पैदा होंगे।
समानांतर मोबाइल रिपेयरिंग, स्टार्ट अप सहित कई अन्य व्यवसाय भी विकसित होंगे। अगर निर्माण-निर्यात का लक्ष्य हासिल कर लिया, तो 2025 तक इस क्षेत्र में दो से ढाई करोड़ रोजगार के अवसर बनेंगे।