आज हैं कारगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ, कारगिल विजय दिवस पर शहीदों को नमन!

कारगिल विजय दिवस 2024: भारत में कारगिल विजय दिवस हर साल 26 जुलाई को कारगिल युद्ध में लड़ने वाले सैनिकों के सम्मान में मनाया जाता है। कारगिल विजय दिवस भारत की तारीख में एक काफी अहम दिन है। इस दिन हम उन भारतीय सैनिकों की बहादुरी और बलिदान का सम्मान करते हैं। कारगिल विजय दिवस का इतिहास 1971 की शुरुआत में भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध से जुड़ा है, जिसके कारण पूर्वी पाकिस्तान ‘बांग्लादेश’ नाम से एक अलग देश बना।

रक्त वीर शहीदों का था, हर सपूत बलिदानी था,
कारगिल पर्वत शिखर पर पवन चला तूफानी था,
हिमप्रपात बन हिमगिरि से रक्त शत्रु का जमा दिया,
विजय दिवस की शौर्य पताका देने वाला अभिमानी था।

दरअसल, 3 मई 1999 को पाकिस्तान ने कारगिल की पहाड़ियों पर 5 हजार से ज्यादा सौनिकों के साथ घुसपैठ कर कब्जा जमा लिया था। इसे लेकर 5 मई के दिन भारतीय सेना गश्त पर निकली, तो पाक सेना द्वारा भारतीय सेना के पांच जवानों को बंधक बनाकर यातनाएं देकर मार दिया गया। इसके बाद पाकिस्तानी घुसपैठियों को कारगिल से खदेड़ने के लिए ‘ऑपरेशन विजय’ चलाया गया।

इस युद्ध में 2 लाख भारतीय सैनिकों ने हिस्सा लिया था। यह संघर्ष भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर के कारगिल जिले और एलओसी पर मई से जुलाई 1999 तक चला। करीब दो महीनों तक दुर्गम पहाड़ी इलाके में भीषण युद्ध चला। ‘ऑपरेशन विजय’ के तहत भारतीय सेना पाकिस्तानी घुसपैठियों को खदेड़ने में कामयाब रही और टाइगर हिल और दूसरे रणनीतिक ठिकानों पर सफलतापूर्वक कब्जा कर लिया। 26 जुलाई, 1999 को काफ़ी संघर्ष के बाद भारतीय सैनिकों ने ये जीत हासिल की। और ये युद्ध 60 दिनों तक चला था। 26 जुलाई 1999 के दिन आधिकारिक रूप से कारगिल युद्ध समाप्त हुआ।

इस साल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कारगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ में शामिल होने के लिए 26 जुलाई को लद्दाख के द्रास जाएंगे। पीएम मोदी आज कारगिल वार मेमोरियल पहुंचकर अमर बलिदानियों को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। इसके बाद वे शिंकू ला टनल परियोजना का शुभारंभ भी करेंगे। यह मार्ग चीन और पाकिस्‍तान की सीमा से दूर मध्‍य में है। इस कारण यहां से सेना के वाहनों की गतिविधि की जानकारी दुश्‍मन को नहीं लग पाएगी। अब भारतीय सेनाचीन को कड़ा जवाब देगी। कारगिल विजय दिवस का आयोजन राष्ट्रीय एकता और देशभक्ति का भी एक सशक्त प्रतीक है। कारगिल युद्ध ने भारत के सभी कोनों से लोगों को सेना के समर्थन में एकजुट किया।

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