डब्ल्यूएचओ: स्कॉटलैंड के ग्लासगो में संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (COP26) की अगुवाई में शुरू की गई बैठक में WHO ने अपनी विशेष रिपोर्ट जारी करते हुए चेतावनी जारी करते हुए बताया है कि प्रदूषण से दुनिया भर में हर मिनट 13 लोगों की मौत हो रही है। दुनिया भर में वायु प्रदूषण से होने वाली मौतों को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा यह डराने वाली रिपोर्ट जारी की गयी है। इसमें कहा गया है कि अगर आने वाले समय में लोग नहीं चेते तो गंभीर परिणाम भुगतना पड़ सकता है।
बैठक के दौरान डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस अधोनाम घेब्रेयसस ने कहा कि कोरोना महामारी ने मनुष्यों, जानवरों और हमारे पर्यावरण के बीच घनिष्ठ और नाजुक संबंधों पर प्रकाश डाला है। उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ सभी देशों से ग्लोबल वार्मिंग को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने के लिए COP26 पर निर्णायक कार्रवाई करने का आह्वान करता है, न केवल इसलिए कि यह करना सही है, बल्कि इसलिए कि यह हमारे अपने हित में है।
डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट का निष्कर्ष है कि लोगों के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए ऊर्जा, परिवहन, प्रकृति, खाद्य प्रणाली और वित्त सहित हर क्षेत्र में परिवर्तनकारी कार्रवाई की आवश्यकता है। डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट में कहा गया है कि जीवाश्म ईंधन के जलने से लोगों की जान जा रही है। जलवायु परिवर्तन मानवता के सामने सबसे बड़ा स्वास्थ्य खतरा है। जलवायु परिवर्तन के स्वास्थ्य प्रभावों से कोई भी सुरक्षित नहीं है, चाहे वह कमजोर वर्ग हो या अमीर वर्ग हो। हमें इस पर कदम उठाना ही होगा नहीं तो आने वाली पीढ़ी के लिए यह और खतरनाक होगी।
