मान्यता: नए कोरोना टीका प्रोटोकॉल के तहत यात्रा ढील में भारतीय टीकों को मान्यता नहीं देने को लेकर ब्रिटेन पर दबाव बढ़ने लगा था। नेशनल इंडियन स्टूडेंट्स एंड एल्यूमनाई यूनियन की अध्यक्ष सनम अरोड़ा ने कहा, यह कदम भेदभाव पूर्ण है। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में कमाई के मामले में दूसरे नंबर पर भारतीय छात्रों से ब्रिटेन सालाना 2.88 करोड़ पाउंड कमाता है। उसके बावजूद वहां के छात्रों व लोगों के साथ ऐसा व्यवहार क्यों।
भारत द्वारा भारी दबाव बनाए जाने के बाद आखिरकार ब्रिटेन ने भारत में बनी कोरोना वैक्सीन ‘कोविशील्ड’ को स्वीकृत वैक्सीन मान लिया है और इसे लेकर नई ट्रैवल गाइडलाइंस जारी की गई हैं। हालांकि, इस कदम से फिलहाल भारत को इतनी जल्दी राहत नहीं मिलने वाली है। ब्रिटेन सरकार की तरफ से कहा गया है कि अगर किसी भारतीय ने कोविशील्ड वैक्सीन की दोनों डोज लगवा ली है और वह ब्रिटेन जाता है तो उसे अभी भी क्वारंटीन में रहना होगा, क्योंकि अभी भी कोई ‘सर्टिफिकेशन’ का मसला अटका हुआ है।
जानिए ब्रिटेन की ताजा नई ट्रैवल गाइडलाइंस
बता दें कि ब्रिटेन की ताजा ट्रैवल गाइडलाइंस चार अक्तूबर से लागू होगी और इसमें कोविशील्ड के नाम को जोड़ा गया है। ताजा ट्रैवल गाइडलाइंस में नई बात यह है कि इसमें चार लिस्टेड व वैक्सीनों के फॉर्मूलेशन जिसमें एस्ट्राजेनिका कोविशील्ड, एस्ट्राजेनिका वैक्सजेवरिया, मॉडर्ना टाकेडा को वैक्सीन के रूप में अप्रूवल दिया गया है।
