अफगानिस्तान: विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को एक प्रेसवार्ता में अफगानिस्तान और वहां से भारतीयों की निकासी को लेकर जानकारी दी। भारत भी अपने और अफगानियों समेत अन्य देशों के नागरिकों को युद्धग्रस्त क्षेत्र से निकालने के लिए सभी प्रयास कर रहा है। अफगानिस्तान में हालात लगातार तनावपूर्ण बने हुए हैं और वहां से लोगों को निकालने की प्रक्रिया जारी है।
मंत्रालय के प्रवक्ता बागची ने कहा, हमने छह अलग-अलग विमानों के जरिए काबुल या दुशांबे से 550 से अधिक लोगों को निकाला है। इनमें 260 भारतीय हैं। भारत सरकार ने अन्य एजेंसियों के माध्यम से भी भारतीय नागरिकों को अफगानिस्तान से निकालने की व्यवस्था की है। इसे लेकर हम अमेरिका और ताजिकिस्तान जैसे देशों के साथ संपर्क में हैं। भारत आने वाले अफगान नागरिकों को लेकर बागची ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने ऐसे लोगों के लिए ई-आपातकालीन वीजा की घोषणा की है। इस वीजा की अवधि छह महीने की है। इसलिए फिलहाल ऐसे अफगानी नागरिक छह महीने की वीजा अवधि के साथ भारत आ रहे हैं।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता बागची ने कहा कि अभी तक हमारा आकलन यह है कि अफगानिस्तान से लौटने की इच्छा रखने वाले अधिकांश भारतीयों को वहां से निकाल लिया गया है। अभी कुछ और लोग भी अफगानिस्तान में हैं। मेरे पास ऐसे लोगों की संख्या की निश्चित जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि हमने अन्य देशों के नागरिकों के साथ-साथ कुछ अफगान नागरिकों को भी वहां से निकाला है। इनमें से कई सिख और हिंदू हैं। मुख्य तौर पर हमारा ध्यान भारतीय नागरिकों को निकालने पर रहेगा, लेकिन हम उन अफगान नागरिकों के साथ भी खड़े रहेंगे जो हमारे लिए खड़े हुए थे।
तालिबान सरकार को मान्यता देने के सवाल पर बागची ने कहा कि अफगानिस्तान में जमीनी स्थितियां बहुत अनिश्चित हैं। चिंता का मुख्य विषय लोगों की सुरक्षा है। वर्तमान में काबुल में किसी संगठन की ओर से सरकार का गठन किए जाने को लेकर कोई स्पष्टता नहीं है। उन्होंने कहा कि हम हालात पर नजर बनाए रखेंगे। यहां स्थितियां तेजी से बदल रही हैं। उन्होंने कहा कि हम एक शांतिपूर्ण, समृद्ध और लोकतांत्रिक अफगानिस्तान चाहते हैं। हम यहां के हालात पर लगातार करीबी नजर बनाए हुए हैं। हमारी प्राथमिकता अफगानिस्तान से लोगों को निकालने में सुरक्षा की स्थिति पर है और हम देख रहे हैं कि यह किस तरह बदलती है। अन्य देश भी इंतजार करने और नजर रखने की नीति पर चल रहे हैं।
