कोरोना: देश के चिकित्सा क्षेत्र की अग्रणी संस्था आईपीएसएम ने सुझाव दिया है कि मौजूदा समय में कोविशील्ड की दो खुराक के बीच के अंतराल को कम किया जाना चाहिए। संस्था ने कहा है कि जिन्हें एक बार इंफेक्शन हो चुका है उन्हें वैक्सीन न दी जाए। केंद्र सरकार भी कोरोना रोधी वैक्सीन कोविशील्ड के बीच मौजूदा अंतराल को कम करने पर विचार कर रही है। दरअसल इंडियन एसोसिएशन ऑफ प्रिवेंटिव एंड सोशल मेडिसिन (आईपीएसएम) ने सरकार को यह अंतराल कम करने का सुझाव दिया है।
देश में अब तक कोरोना टीकों की 58.82 करोड़ खुराकें लोगों को दी जा चुकी हैं। वहीं, अब तक 1.60 करोड़ लोग ऐसे हैं, जिन्होंने अपनी पहली खुराक के बाद तय समय सीमा में दूसरी खुराक नहीं लगवाई है। इनमें बुजुर्गों की संख्या ज्यादा है। इनमें एक करोड़ से ज्यादा बुजुर्ग हैं। शेष अन्य समूहों जैसे कि स्वास्थ्य और अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ता और 45 साल से ज्यादा उम्र के लोग हैं।
कोवैक्सीन की दूसरी खुराक के लिए अभी 84 दिन का अंतराल रखा जाता है। पहली खुराक लगने के 84 दिन बाद ही दूसरी खुराक दी जाती है। यह अंतराल कम करने पर लोगों को कम समय में दोनों खुराक दी जा सकेगी। इससे संक्रमण का खतरा कम होगा। जिन्हें कोविशील्ड की दोनों खुराक लग चुकी है, उन्हें एक खुराक लेने वालों की तुलना में संक्रमण का खतरा कम रहता है। डेल्टा वैरिएंट के कारण इंफेक्शन बहुत ज्यादा हुआ है। ऐसे में दोनों डोज के बीच अंतराल कम करने पर विचार जरूरी है।
कोविशील्ड की दो खुराकों के बीच अंतराल को बढ़ाकर 16 हफ्ते किया गया था। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि तब देश में टीकों की कमी थी। अब छह टीके उपलब्ध हो चुके हैं। यदि अंतराल कम होगा तो ज्यादा तेजी से टीकाकरण किया जा सकेगा और लोगों को कोरोना महामारी से बचाया जा सकेगा।
