ERRA NEWS EXCLUSIVE: *हवा* *हवाई* *साबित* *हो रहा* *सरकार का गड्ढा* *मुक्त सड़कों का दावा*

*अमानीगंज क्षेत्र में दो दर्जन से ज्यादा सड़कें जान लेवा राहगीरों को पैदल चलना बहुत बड़ी चुनौती*

✍️ विकास शुक्ला

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*अमानीगंज -अयोध्या*

विकास खण्ड अमानीगंज क्षेत्र की दो दर्जन से ज्यादा सड़कों की हालत बड़ी जर्जर है जो दो साल नहीं बीता है अमानीगंज से झबरा मठिया संपर्क मार्ग, अमानीगंज से जखवा संपर्क मार्ग , अमरगंज से बहादुरगंज, चौकी से ब्लॉक मुख्यालय अमानीगंज संपर्क मार्ग, राम नगर चौराहा से ओरवा संपर्क मार्ग, सतनापुर पुल से धरौली नहर की पटरी, महात्मा गांधी चौराहा से ड्योढ़ी संपर्क मार्ग,इसी प्रकार कई सड़कों को बनाया गया डामर मार्ग गड्ढे में होने लगा तब्दील कभी भी घट सकती है बड़ी घटना। किसी को एक साल किसी को दो साल का समय बीत रहा है और इस समय की सड़को का हालत देखिए और गौर करिके देखिए जहाँ पर सरकार के भारतीय जनता पार्टी के सक्रिय विधायक- सांसद दोनों है बड़ी मुद्दत के बाद मिल्कीपुर विधान सभा में ऐसा सुनहरा मौका कभी नहीं आया है। क्षेत्र की सम्मानित जनता जनार्दन को बहुत बड़ी आशा थी कि हमारे क्षेत्र की सड़को में सुधार आ जाएगा इन दोनों व्यक्तियों को कोई सड़क नही दिखाई पड़ी है यह तो वक्त बतायेगा क्षेत्र के तमाम बुद्धिजीवी लोगों का कहना है और समाजवादी के सक्रिय कार्यकर्ता राम कुमार अवस्थी ने लिखित कुछ सड़को के बारे में शिकायत भी किया और शासन प्रशासन के ऊपर भी आरोप लगाया है ।
जानकारी के अनुसार राम नगर से ओरवा जाने वाला मार्ग एक साल पहले हाल ही में बनवाया गया था अभी हाल में जिला अधिकारी अनुज कुमार झा ग्राम पंचायत के चुनाव में ब्लाक मत गणना स्थल तक गये और उसके बाद उन्होने कहाँ था मत गणना के पहले ब्लाक से चौकी खंडासा तक सड़क बन जाना चाहिए उसके बाद भी इस विभाग का कोई अधिकारी नहीं आया है सड़क बनवाने की बात कौन कहे सवाल यह है कि जिला अधिकारी अनुज कुमार झा अयोध्या की बात का कोई असर नहीं हुआ था जिसके बाद 2 किलो मीटर ब्लांक की तरफ मार्ग आज जरा सी बूंदाबांदी में अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है जिसको देखने के बाद यही प्रतीत होता है कि कहीं ना कहीं सड़क का निर्माण कराए गए ठेकेदारों द्वारा मानक के अनुसार काम नहीं कराया गया है जिससे सड़कों के नीचे डाली गई मिट्टी कट कर खाई में जा रही है जिससे सड़क फिर से बहाल हो रही है साथ ही खतरा भी लगा रहता है कि ऐसा ना हो कभी भी इस टूटी हुई सड़क की वजह से कोई राहगीर इसकी चपेट में ना जाए। ज्ञात हो कि सरकार द्वारा सड़क निर्माण में करोड़ों रुपए खर्च किए जाते हैं उसके बावजूद भी सड़कों का मानक के अनुरूप कार्य नहीं हो पाता जिससे जल्द ही में सड़कें फिर से टूट जाती हैं और राहगीरों को फिर उसी टूटी हुई सड़कों पर निकलना दूभर होता है अगर इसी बीच सड़कों का निर्माण मानक के अनुरूप कराया जाए तो ना तो सड़क के इतनी जल्द गड्ढों में तब्दील हो और ना ही राहगीरों को निकलने में असुविधा। ऐसी सड़कों पर चलना मौत को दावत देना है जिससे ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है।

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