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लखनऊ विश्वविद्यालय में ऑनलाइन डिस्प्यूट रिजॉल्यूशन पर हुआ कार्यशाला का आयोजन

विसंगतियों और खामियों के संभावित समाधानों को तैयार करने और विचार-विमर्श करने के लक्ष्य से, ‘ऑनलाइन डिस्प्यूट रिजॉल्यूशन (ओडीआर)’ पर 11 जुलाई,2021, रविवार को गूगल मीट के ज़रिए, एक एक–दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई। भारत के एक प्रमुख संस्थान, फैकल्टी ऑफ लॉ, लखनऊ विश्वविद्यालय ने, कानूनी-सहायता और शिक्षा संस्थान, अनुमार्गा के साथ मिलकर इस कार्यक्रम की मेजबानी की।

अतिथि प्रो. सी.पी. सिंह बने फैकल्टी ऑफ लॉ, डॉ. आलोक वर्मा, सहायक प्रो. वरिष्ठ ग्रेड (लॉ),एमिटी लॉ स्कूल, नोएडा; श्री दीपांशु राज, अनुमार्गा के संस्थापक और सीईओ। कार्यशाला का आयोजन डॉ. आशीष कुमार श्रीवास्तव, सहायक प्रो., फैकल्टी आफ लॉ, लखनऊ विश्वविद्यालय द्वारा किया गया। कार्यशाला का संचालन श्री सिरीश यादव ने किया। लगभग 80 से अधिक विद्वान और छात्र इस अत्यंत सूचनात्मक कार्यशाला का हिस्सा रहे।
कार्यशाला की शुरुआत प्रो. सी.पी. सिंह ने सभी वक्ताओं का स्वागत करते हुए किया। उन्होंने चंद शब्दों में चयनित विषय पर अपना विचार प्रस्तुत किया।

कार्यशाला को आगे बढ़ते हुए डॉ. आलोक वर्मा ने चयनित विषय ‘ऑनलाइन डिस्प्यूट रिजॉल्यूशन (ओडीआर)’ पर अपने विचार प्रस्तुत किया। उन्होंने पावरप्वाइंट प्रेजेंटेशन के ज़रिए ‘ओडीआर’ के अनेक फायदों का ज़िक्र किया और यह भी बताया कि आज के भारतीय न्यायिक प्रणाली में कैसे इसकी एक अहम भूमिका है और किस प्रकार यह भविष्य में विवादों को सुलझाने में अत्यंत मददगार साबित होगा। अपनी बातों को रखने के पश्चात उन्होंने अन्य वक्ताओं को अपना आभार व्यक्त किया।

वक्ताओं के विचारों के पश्चात दीपांशु राज ने भी सभी अतिथि वक्ताओं को अपना आभार व्यक किया और साथ ही साथ उनके बहुमूल्य समय से कुछ वक्त निकालने के लिए उन्हें धन्यवाद कहा। डॉ. आशीष कुमार श्रीवास्तव ने भी सभी वक्ताओं का अभिनन्दन किया और साथ ही साथ श्री दीपांशु राज को इस कार्यशाला को सुचारू रूप से चलाने में मददगार होने हेतु अपना आभार प्रस्तुत किया। प्रतिभागियों को भागीदारी का ई-प्रमाण पत्र दिया गया और वक्ताओं को अपने कीमती समय निकालकर इस कार्यशाला का हिस्सा बनने के लिए धन्यवाद किया गया।

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