रुद्रपुर : सब कुछ ठीक ठाक रहा तो कुमाऊं मंडल के यूएसनगर के साथ ही पर्वतीय जिलों के राजस्व गांवों में उगाई जाने वाली भांग और अफीम की खेती पर एसटीएफ अंकुश लगाएगी। इसके लिए सैटेलाइट से नजर रखी जाएगी और तस्वीर मिलने पर मौके पर जाकर भौतिक सत्यापन किया जाएगा। इसके लिए नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो और स्पेशल टास्क फोर्स संयुक्त रूप से तैयारी कर रहे हैं।
कुमाऊं मंडल की औद्योगिकनगरी ऊधमसिंह नगर में नशे का कारोबार बढ़ता जा रहा है। यहां से मंडल के अन्य जिलों में शराब, हेरोईन, अफीम, स्मैक, डोडा समेत अन्य नशीले पदार्थ पहुंचाए जा रहे हैं। इसके अलावा गढ़वाल मंडल के साथ ही कुमाऊं मंडल के ऊधमसिंहनगर, अल्मोड़ा, नैनीताल, बागेश्वर, पिथौरागढ़ और चम्पावत में नशीले पदार्थ भांग और अफीम की खेती भी की जाती है। इस पर पुलिस और एसटीएफ समय समय पर कार्रवाई भी करती है लेकिन भांग और अफीम की खेती और नशीले पदार्थ की तस्करी रुकने का नाम नहीं ले रही है। इसीलिए अब स्पेशल टास्क फोर्स एनसीबी के साथ मिलकर निगरानी तंत्र विकसित करने जा रहा है।
बीते दिनों एनसीबी और एसटीएफ के बीच तकनीक का आदान प्रदान करने के लिए बैठक भी हुई थी। इसमें उत्तराखंड के यूपी से सटे सरहदी क्षेत्र और पर्वतीय क्षेत्रों के दूर दराज राजस्व गांवों में उगाई जाने वाली भांग और अफीम की खेती पर नजर रखने के लिए सैटेलाइट का प्रयोग करने पर निर्णय लिया गया था। एसटीएफ अधिकारियों के मुताबिक सैटेलाइट से मिलने वाली तस्वीरों के बाद टीम वहां जाकर जांच करेगी कि खेती भांग और अफीम की तो नहीं। भांग और अफीम की खेती मिलने पर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई कर खेती को नष्ट करेगी।
रुद्रपुर में पकड़ी जा चुकी है अफीम की खेती
दो माह पहले कोतवाली पुलिस ग्राम बिंदुखेड़ा में कच्ची शराब के खिलाफ अभियान चला रही थी। इस दौरान पुलिस को जंगल से सटे एक खेत में अफीम की खेती मिली। जिसे पुलिस ने कब्जे में लेकर खेत स्वामी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया था। इसके बाद एसएसपी दलीप ङ्क्षसह कुंवर ने जिले भर के थानाध्यक्षों को अपने थाना क्षेत्र के गांवों में ग्राम प्रहरियों के जरिए इस तरह की खेती पर नजर रखने के निर्देश दिए थे।
एनसीबी और एसटीएफ रखेंगे नजर
एसटीएफ के एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों के राजस्व गांवों में भांग और अफीम की खेती की जाती है। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो और स्पेशल टास्क फोर्स मिलकर भांग और अफीम की खेती पर सैटेलाइट से नजर रखेगी। सैटेलाइट से तस्वीर मिलने के बाद मौके पर जाकर एसटीएफ जांच करेगी। अवैध खेती मिलने पर उसे नष्ट कर आवश्यक कार्रवाई करेगी।