गोरखपुर: कारपोरेशन ने वित्तीय अनियमितता में दोषी पाए गए खंड बक्शीपुर में तैनात तत्कालीन लेखाकार रामधनी चौधरी व सलेमपुर खंड में कार्यालय सहायक धीरेंद्र चौधरी को बर्खास्त कर दिया गया है।
आरोप था कि पांच वर्ष पहले विद्युत वितरण खंड द्वितीय बक्शीपुर में 78 बकाएदारों का 23 लाख रुपये का बिल तीन लाख रूपये में निपटा दिया गया था। मामले की जांच चल रही थी। चेयरमैन कारपोरेशन ने इसमें दोषी पाए राजस्व लिपिकों, लेखाकार व अवर अभियंता के खिलाफ कार्रवाई की है। खंड के तत्कालीन लिपिक नितिन नारायण श्रीवास्तव को पदावनत कर प्रारंभ के वेतनमान पर फिर से सेवा बहाल की गई है। सूरजकुंड बिजलीघर के तत्कालीन अवर अभियंता मनोज गुप्ता को निंदा प्रविष्टि दी गई है। कार्रवाई की जद में आए कर्मचारियों को कार्रवाई का पत्र दे दिया गया है।
बक्शीपुर खंड के तत्कालीन लिपिक नितिन नारायण श्रीवास्तव के सभी इंक्रीमेंट को खत्म करते हुए सेवा शुरू करने के दौरान वाले वेतनमान पर बहाल किया गया है। उनके खिलाफ 78 हजार का जुर्माना भी लगा है। नितिन अभी देवरिया मंडल के गौरी बाजार खंड में कार्यकारी सहायक के रूप में कार्यरत हैं।तत्कालीन अधिशासी अभियंता आरसी पांडेय पर भी कार्रवाई की गई है।
बक्शीपुर खंड के सूरजकुंड इलाके में मनोज गुप्ता उस समय अवर अभियंता के पद पर तैनात थे। इनपर आरोप था कि बकाएदारों के बिलों की रीडिंग को इन्हीं के द्वारा सत्यापित किया गया था। वर्तमान में मनोज ग्रामीण विद्युत वितरण खंड द्वितीय के गीडा क्षेत्र में तैनात हैं।
कारपोरेशन की तरफ से कार्रवाई की गई है। चेयरमैन के निर्देश को खंड के अधिशासी अभियंता को देकर आरोपियों को सूचित करने का निर्देश दे दिया है।
