वंदे भारत ट्रेन: अमृत महोत्सव के तहत लाल किला से पीएम नरेंद्र मोदी ने देश में 75 नई वंदे भारत एक्सप्रेस चलाने का एलान किया था। लेकिन निर्माण के स्तर पर हो रही देरी के चलते पीएम का वादा फिलहाल पूरा होता नजर नहीं आ रहा है। वंदे भारत निर्माण कार्य में लगा रेलवे का कोच कारखाना आईसीएफ चेन्नई ने प्लग डोर का टेंडर बीते कुछ दिनों में दसवीं बार बढ़ाया है।
पहली बार इंटीग्रल कोच फैक्टरी ने 13 अक्तूबर को टेंडर जारी किया था। जिसकी अंतिम तारीख 19 नवंबर 2021 है। इसके बाद से लगातार टेंडर की तारीख 10 बार बढ़ाई गई। जानकारों की मानें तो इसके पीछे ऑरिजिनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरिंग में लगी विदेशी कंपनियों की लॉबी है। अगर ऐसे ही रहे तो पहले से ही देरी से चल रहा नई वंदे भारत ट्रेनें चलाने का टारगेट समय से पूरा नहीं हो पाएगा। मौजूदा समय में फर्स्ट फेज में 44 के करीब ट्रेन सेट का ठेका मेघा इंजीनियरिंग को मिला हुआ है।
इन ट्रेनों के निर्माण के टारगेट की बात करें, तो इस वर्ष मार्च तक पहला पायलट सेट बनकर ट्रायल के लिए आना था। जिसके फाइनल सीआरएस से मंजूरी मिलने के बाद रेलवे के तीनों कोच कारखानों में इसके निर्माण का काम शुरू होता। देश में पहली वंदे भारत ट्रेन का निर्माण साल 2018 में इंटिग्रल कोच फैक्टरी चेन्नई में हुआ था। 2019 मार्च में इसका पहला सफल संचालन दिल्ली से वाराणसी के बीच पीएम ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था।
अमृत महोत्सव के अंतर्गत निर्माण होने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन में 16 कोच होंगे। वहीं पुरानी ट्रेनों की तुलना में इसमें ज्यादा फीचर होंगे। इसके सभी कोच आपस में जुड़े होंगे। डिब्बों को जोड़ने वाले कपलर की डिजाइन ऐसी है कि ट्रेन के चलने पर यात्रियों को झटके न लगें। वातानुकूलित इस रेलगाड़ी में इकोनॉमी और एग्जीक्यूटिव श्रेणी के कोच होंगे।