टीबी कफ कलेक्शन एप: अब टीबी के संदिग्ध मरीज का पता आसानी से चलेगा। आवाज और खांसी रिकॉर्ड कर एप बताएगा आपको टीबी है या नहीं। इसमें रोगी या चिह्नित व्यक्ति की आवाज आठ बार रिकॉर्ड की जाएगी। टीबी कफ कलेक्शन एप से यह व्यवस्था शुरू की गई है।

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. रामेश्वर मिश्रा ने बताया कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत प्रदेश भर में यह एप लांच हुआ है। इसमें जिले से 134 नमूनों की रिकॉर्डिंग की गई है। इस एप के जरिए खांसी तीन बार रिकॉर्ड की गई है। इसके अलावा एक से 10 तक गिनती गिनने, अ, आ, ई से लेकर कुछ अन्य अक्षर भी बुलवाए गए।

इस तरह से आठ बार आवाज रिकॉर्ड की गई। इसके बाद से एप के जरिये लगातार खांसने वालों की आवाज रिकॉर्ड हुई है। यह रिकॉर्डिंग तैयार कर सेंट्रल टीबी डिवीजन को भेजी गई है। इन लोगों के बलगम की भी जांच की जाएगी। बताया कि सभी के नाम और पते गोपनीय रखे गए हैं।

जानिए कैसे काम करता है यह एप
सात साल से अधिक उम्र के टीबी मरीजों, संभावित और संपर्क में रह रहे लोगों की वाइस रिकॉर्डिंग की गई। पहले संबंधित व्यक्ति, मरीज का पूरा डाटा भरा गया। इसके बाद अलग-अलग चार चरणों में रिकॉर्डिंग की गई। पहले चरण में एक से 10 तक गिनती गिनाई गई। दूसरे में खांसी की आवाज, तीसरे में अ, आ, ई इन तीन अक्षर को तीन-तीन बार बुलवाया गया। चौथे चरण में बैकग्राउंड आवाज रिकॉर्ड की गई।

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. रामेश्वर मिश्रा ने का कि कफ साउंड आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बेस्ड सॉल्यूशन टू डिट्रेक्ट टीबी के लिए 134 लोगों के सैंपल जिले से सेंट्रल टीबी डिवीजन को भेजे गए हैं।

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