नरेंद्र मोदी सरकार ने सीबीएसई की परिक्षाओं को रद्द करने का फैसला किया है. केंद्र के इस फैसले के बाद गुजरात, हरियाणा, मध्य प्रदेश और राजस्थान समेत कई राज्यों ने 10वीं और 12वीं की परिक्षाएं रद्द करने का एलान किया है. इस मामले पर कई दिन से सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही थी. आज केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट को सीबीएसई की 12वीं की परीक्षा रद्द करने की आधिकारिक जानकारी देगी.
आज ICSE को भी सुप्रीम कोर्ट में बताना है कि क्या वह भी CBSE की तरह परीक्षा रद्द कर रहा है. इसके अलावा राज्य शिक्षा बोर्ड की परीक्षाओं को भी रद्द करने की मांग कोर्ट में उठ सकती है. सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड की परीक्षाएं रद्द होने के बाद अब राज्य बोर्ड की परीक्षाओं को रद्द करने की उठ रही मांग के बीच कई राज्यों ने 12वीं की परीक्षा रद्द कर दी हैं. इनमें हरियाणा, गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और उत्तराखंड शामिल हैं. जबकि राजस्थान ने 12वीं के साथ 10वीं की परिक्षाएं भी रद्द कर दी हैं.
सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड की 12वीं की परीक्षाओं के रद्द किये जाने के निर्णय के बाद से राज्य सरकारों पर भी बोर्ड परीक्षाएं रद्द करने का दबाव बन गया है. ऐसे में एमपी, उत्तराखंड, गुजरात के बाद देश के सबसे बड़े बोर्ड की 12वीं की परीक्षाओं का निर्णय आज लिया जा सकता है. इसको लेकर उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात करेंगे. हालांकि दिनेश शर्मा संकेत दे चुके हैं कि 12वीं की परीक्षा रद्द की जाएगी. राज्य में इस साल लगभग 26 लाख बच्चे हैं, जिन्हें 12वीं की परीक्षा देनी है.
हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड 12वीं कक्षा के छात्रों को सीबीएसई की तरह पास करेगा. 10वीं और 12वीं के रिअपीयर और ओपन वाले छात्रों को भी 10वीं और 12वीं के रेगुलर छात्रों की तरह पास किया जाएगा. वहीं, हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड 15 जून तक 10वीं कक्षा का परीक्षा परिणाम घोषित करेगा.
हिमाचल प्रदेश सरकार स्कूल शिक्षा बोर्ड की परीक्षाओं को रद्द करने का फ़ैसला 5 जून को होने वाली कैबिनेट की बैठक में ले सकती है. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इसके संकेत दिए हैं. 12वीं के छात्रों को किस तरह प्रोमोट किया जाए इसको लेकर शिक्षा विभाग से बातचीत के बाद सरकार केन्द्र की तर्ज़ पर परीक्षाए रद कर सकती है.
महाराष्ट्र की शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड़ ने कहा कि हमने बच्चों की सुरक्षा के लिए 12वीं की बोर्ड परीक्षा स्थगित करने का निर्णय लिया है. हमने आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सामने फाइल रखी है और जब उसका निर्णय आएगा तब हम आपके सामने निर्णय बता देंगे.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पहले घोषणा की थी कि इस साल माध्यमिक और उच्च माध्यमिक परीक्षाएं होंगी, लेकिन राज्य सरकार ने यह तय करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया कि क्या इस महामारी में बोर्ड परीक्षाएं संभव हैं? विशेषज्ञ समिति को 72 घंटे के भीतर अपनी रिपोर्ट देने को कहा गया है. समिति कई चीजों पर अपनी राय देगी, जिसमें परीक्षाएं संभव हैं? यदि यह संभव है तो छात्रों को संक्रमण के लिए उजागर किए बिना उन्हें आयोजित करने का तंत्र क्या होगा? समिति परीक्षा ना होने की स्थिति में छात्रों के मूल्यांकन के पहलुओं पर भी गौर करेगी.
गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा कि उनकी सरकार अभी परीक्षाएं रद्द करने पर विचार कर रही है. गोवा में 21,000 से ज्यादा छात्रों के लिए परीक्षा आयोजित करने सहित तीन विकल्प हैं. तीन विकल्पों में परीक्षाओं को पूरी तरह से रद्द करना या उन लोगों को मौका देना शामिल है, जो परीक्षा में शामिल होना चाहते हैं, जबकि उन लोगों के लिए आंतरिक अंकों के आधार पर परिणाम घोषित करते हैं जो परीक्षा का जवाब नहीं देना चाहते हैं.