कोरोना की बूस्टर डोज: सोशल मीडिया पर फ्रांस के विरोलॉजिस्ट लुक मोन्टागनेयर की एक स्टडी के हवाले से ऐसे दावे किए जा रहे हैं कि बूस्टर डोज से एचआईवी संक्रमण हो सकता है। कोरोना की बूस्टर डोज से एचआईवी के खतरे को लेकर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे दावों को वैज्ञानिकों ने सिरे से खारिज कर दिया। विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के दावे को सिद्ध करने के लिए कोई वैज्ञानिक साक्ष्य नहीं है।
कोलकाता सीएसआईआर में वरिष्ठ विरोलॉजी विशेषज्ञ उपासना राय ने कहा, हमें इस तरह की पोस्ट से सावधान रहना है। घबराने की जरूरत नहीं इस तरह के कोई वैज्ञानिक साक्ष्य नहीं हैं। इम्यूनोलॉजिस्ट विनीता बाल ने भी इस पर सहमति जताई कि कोविड के टीके किसी रूप में भी एचआईवी संक्रमण को बढ़ावा नहीं देते।
मोन्टागनेयर को एचआईवी की खोज के लिए 2008 में मेडिसिन का नोबेल पुरस्कार मिल चुका है और इसी महीने की शुरुआत में उनका निधन हुआ था। उसके बाद से ट्विटर पर लोग उनके हवाले से पोस्ट अपलोड होने लगे थे जिनमें कहा जा रहा था कि तीसरी खुराक लेने वाले जाकर एड्स की भी जांच करा लें। अगर आपकी रिपोर्ट पॉजिटिव आए तो सरकार पर केस करें।
