अलीगढ़: कई जगहों का नाम बदलने के बाद अब अलीगढ़ की बारी आ गयी है, अलीगढ़ का नाम बदलने की कोशिशों को लेकर विभिन्न राजनीतिक दलों में आक्रोश फैला हुआ है। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी पूर्व प्रदेश सचिव मनोज सक्सेना ने भाजपा पर नफरत फैलाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि वर्षों से अलीगढ़ की एक पहचान हिंदुस्तान में गंगा जमुना तहजीब के नाम पर होती है। उनका कहना है कि यह शहर की पहचान के साथ छेड़खानी करने की कोशिश है।
युवा रालोद के प्रदेश महासचिव राजा ने कहा कि भाजपा की सरकार झूठे सपने दिखा कर मनमानी हरकतें कर रही है। शिक्षा, रोजगार, महंगाई व कानून व्यवस्था का मखौल बना रही है। अलीगढ़ का नाम बदल कर हरिगढ़ करने की शुरुआत किसी चरणों का अगला कदम है। एक जिले का नाम बदलने में काफी बजट खर्च होता है। यह सीधे तौर पर जनता के पैसे की बर्बादी है। इस बजट में हम अपने जिले की सड़कों की स्थिति सुधार सकते हैं।
अलीगढ़ गोपालदास नीरज, शहरयार जैसे लोगों ने जन्म लिया है। रविंद्र जैन जैसे संगीतकारों ने विश्व भर अलीगढ़ का नाम रोशन किया है। लेकिन प्रदेश के अंदर खिसकते जनाधार से भाजपा के नेता घबरा गए हैं और इसलिए अलीगढ़ का नाम हरिगढ़ करना चाहते हैं।
