यूपी: मृतक माफिया- राजनीतिक नेता मुख्तार अंसारी के मरने के बाद भी मुख्तार के खिलाफ आयकर विभाग का एक्शन लगातार जारी है। उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में मुख्तार की 12 करोड़ रुपये की ‘बेनामी’ संपत्ति अब सरकारी संपत्ति बन गई हैं। आयकर विभाग द्वारा बीते वर्ष मुख्तार की इन बेनामी संपत्तियों को जब्त करने के फैसले पर निर्णायक प्राधिकारी कार्यालय ने मुहर लगा दी है। बेनामी संपत्ति विरोधी कानून के तहत गठित न्यायाधिकरण ने 2023 में की गई कुर्की कार्रवाई की पुष्टि की है। साथ ही मुख्तार के बेटे अब्बास और उमर की याचिका को खारिज कर दिया है।
बता दें कि आयकर विभाग की बेनामी निषेध इकाई के तत्कालीन उपनिदेशक जांच ध्रुवपुरारी सिंह के निर्देश पर बीते वर्ष अप्रैल में माफिया मुख्तार अंसारी की गाजीपुर स्थित 12.10 करोड़ रुपये की बेनामी संपत्तियों को जब्त किया था। गाजीपुर के कपूरपुर मौजा इलाके में स्थित संपत्ति को मुख्तार ने अपने करीबी रियल एस्टेट कारोबारी गणेश दत्त मिश्रा के नाम से खरीदा था।
दरअसल, गाजीपुर पुलिस ने आयकर विभाग को भेजी रिपोर्ट में कहा था कि मुख्तार ने गणेश दत्त मिश्रा और उनके पिता शिवशंकर मिश्रा के नाम से कई बेनामी संपत्तियां खरीदी हैं। आयकर विभाग ने जब इसकी जांच की तो पाया कि गणेश दत्त मिश्रा ने 0.11748 हेक्टेयर और 0.254 हेक्टेयर भूमि सुषमा श्रीवास्तव और गीता राय से खरीदी थी। हालांकि, सेल डीड में बतौर भुगतान दर्शाने के जिन चेकों का जिक्र किया गया था, वह कभी भुनाए ही नहीं गए थे। जांच में सामने आया कि ये भूमि मुख्तार अंसारी की थी, जिसे उसने गणेश मिश्रा के नाम करवा दिया था। सूत्रों ने बताया कि कर विभाग अब इस संपत्ति को जब्त करने की कार्रवाई शुरू करेगा।
आपको बता दें कि अंसारी का इस साल मार्च में बांदा के एक अस्पताल में दिल का दौरा पड़ने से 63 साल की उम्र में निधन हो गया था। मऊ सदर सीट से पांच बार विधायक रहे अंसारी 2005 से उत्तर प्रदेश और पंजाब की जेलों में बंद रहे थे। उनके खिलाफ 60 से अधिक आपराधिक मामले लंबित थे।