कोरोना की दूसरी लहर देश पर कहर बनकर टूटी और हजारों की संख्या में लोगों ने अपनी जान गंवा दी. यही नहीं कोरोना का डेल्टा वैरिएंट हिन्दुस्तान ही नहीं बल्कि दुनिया के कई देशों के लिए परेशानी का सबब बन चुका है. अब इससे एक और नए वैरिएंट ने जन्म लिया जिसे डेल्टा प्लस का नाम दिया गया है. भारत के कई राज्यों से इस नए वैरिएंट के मामले आने शुरू भी हो चुके हैं. हाल ही में महाराष्ट्र कोविड टास्क फोर्स ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर लोगों ने कोरोना वायरस से बचाव संबंधी नियमों में ढील बरती तो दूसरी लहर के खत्म होने से पहले ही राज्य में संक्रमण की तीसरी लहर आ सकती है. इसके साथ ही टास्क फोर्स ने कहा कि कोरोना वायरस का डेल्टा प्लस वेरिएंट तीसरी लहर के लिए जिम्मेदार हो सकता है.
इस बीच देश के टॉप वायरस वैज्ञानिकों में शामिल प्रोफेसर शाहिद जमील ने आशंका जताई है कि कोरोना का डेल्टा प्लस वेरिएंट, वैक्सीन लेने के बाद बनी एंटीबॉडी और संक्रमण के बाद शरीर में आई नैचुरल इम्युनिटी, दोनों से बचने में सक्षम हो सकता है. देश में डेल्टा प्लस वेरिएंट का पहला मामला मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की एक 65 साल की महिला में सामने आया था. महिला होम आइसोलेशन के चलते कोविड -19 से ठीक हो गई थी और उसे टीके की दो डोज भी दी गई थी. उसका सैंपल 23 मई को लिया गया था और 16 जून को नेशनल सेंट्रल फॉर डिजीज कंट्रोल की रिपोर्ट में कहा गया था कि वेरिएंट के लिए उसकी टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी. शिवपुरी जिले में डेल्टा प्लस वेरिएंट से चार लोग संक्रमित पाए गए. चारों की वेरिएंट के कारण मौत हो गई. सभी को वैक्सीन लगाई गई थी.
