सुप्रीम कोर्ट ने जहां मंगलवार को ऐतिहासिक निर्णय लिया है। जिसके तहत उम्मीदवार के चयन के 48 घंटे के भीतर ही उसके खिलाफ दर्ज आपराधिक मुकदमों की जानकारी सार्वजनिक करनी होगी। इस बीच बिहार चुनावों के दौरान उम्मीदवारों के आपराधिक रिकॉर्ड को सार्वजनिक नहीं करने पर सुप्रीम कोर्ट ने बीजेपी, कांग्रेस, एनसीपी और सीपीएम पर जुर्माना लगाया है।

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट उन राजनीतिक दलों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने वाली एक अवमानना ​​याचिका पर मंगलवार को सुनवाई कर रहा था, जो अपने उम्मीदवारों के आपराधिक इतिहास को घोषित करने और प्रचारित करने में विफल रहे थे। इस दौरान अपने फैसले में बिहार चुनावों के दौरान चुनाव उम्मीदवारों के आपराधिक इतिहास को सार्वजनिक करने के अदालत के पहले के निर्देशों का पालन करने में असक्षम रहने के लिए भाजपा और कांग्रेस पर एक-एक लाख और राकांपा और सीपीएम पर 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। बता दें कि जस्टिस आरएफ नरीमन और बीआर गवई की पीठ ने इस संबंध में अपने 13 फरवरी, 2020 के फैसले को संशोधित किया है।

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